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सीपीएम क्या है? भाग 1

सीपीएम क्या है? भाग 1

– स्टेन पार्क्स द्वारा – 

एक चर्च प्लांटिंग मूवमेंट (सीपीएम) को शिष्यों और अगुओं के विकासशील अगुओं को बनाने वाले गुणकों के गुणन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है । इसका परिणाम स्वदेशी कलीसियाओं में कलीसियाओं  का रोपण है । ये कलीसिया लोगों के समूह या जनसंख्या खंड के माध्यम से त्वरित फैलना शुरू करते हैं । इन नए शिष्यों और कलीसियाओं ने अपने समुदायों को बदलना शुरू कर दिया मसीह की नई देह के स्वरुप में राज्य के मूल्यों को जीकर ।

जब कलीसियाएं निरंतर पुनःउत्पादन करती है चार पीढ़ी की कई धाराओं की कलीसिया में  , प्रक्रिया एक सम्भालने वाले आंदोलन का रूप धारण करती है । इसे शुरू होने में वर्षों लग सकते हैं ।  हम आम तौर आंदोलन को चार पीढ़ीतक तीन से पांच साल के भीतर पहुचता हुआ देखते है । अतिरिक्त में, ये आंदोलन स्वयं अक्सर नए आंदोलनों को पुन: उत्पन्न करते हैं । अधिक से अधिक , सीपीएम अन्य लोगों के समूह और जनसंख्या क्षेत्रों में नए सीपीएम शुरू कर रहे हैं ।

परमेश्वर की आत्मा संसार भर में सीपीएम को बढ़ा रही है , जैसे उसने इतिहास में विभिन्न समय पर किया है । 1990 के आरम्भ के कुछ इन आधुनिक आंदोलनों के आरम्भ होने के बाद, प्रारंभिक आंदोलन उत्प्रेरक का एक छोटा समूह परमेश्वर के अद्भुत काम की चर्चा के लिए एकत्र हुआ था । परमेश्वर के कार्यों के प्रति उन्होंने “चर्च प्लांटिंग मूवमेंट” शब्द का वर्णन किया । यह उनकी कल्पना से परे था ।

24:14 गठबंधन बनाने वाले वैश्विक अगुओं ने सीपीएम को सबसे अधिक सहायक और मोटे तौर पर समावेशी शब्द के रूप में चुना । कईबार शब्द “राज्य का आंदोलन” का उपयोग किया जाता है, जिसका अर्थ अनिवार्य रूप से सीपीएम के समान होता है । ये राज्य के आन्दोलन ,जो हम नए नियम में देखते हैं, जैसे दिखते है ।

“ परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। ” ( प्रेरित 1: 8 ) 

  

और वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की सामर्थ दी … | और वे सब चकित और अचम्भित होकर कहने लगे; देखो, ये जो बोल रहे हैं क्या सब गलीली नहीं?तो फिर क्यों हम में से हर एक अपनी अपनी जन्म भूमि की भाषा सुनता है?हम जो पारथी और मेदी और एलामी लोग और मिसुपुतामिया और यहूदिया और कप्पदूकिया और पुन्तुस और आसिया।और फ्रूगिया और पमफूलिया और मिसर और लिबूआ देश जो कुरेने के आस पास है, इन सब देशों के रहने वाले और रोमी प्रवासी, क्या यहूदी क्या यहूदी मत धारण करने वाले, क्रेती और अरबी भी हैं।परन्तु अपनी अपनी भाषा में उन से परमेश्वर के बड़े बड़े कामों की चर्चा सुनते हैं। ‘ ( प्रेरित 2: 4,7-11 )            

 

परन्तु वचन के सुनने वालों में से बहुतों ने विश्वास किया, और उन की गिनती पांच हजार पुरूषों के लगभग हो गई |  ( प्रेरित 4 : 4  ) 

 

और परमेश्वर का वचन फैलता गया और यरूशलेम में चेलों की गिनती बहुत बढ़ती गई; और याजकों का एक बड़ा समाज इस मत के अधीन हो गया। ( प्रेरित 6 :7 )  

 

सो सारे यहूदिया, और गलील, और समरिया में कलीसिया को चैन मिला, और उसकी उन्नति होती गई; और वह प्रभु के भय और पवित्र आत्मा की शान्ति में चलती और बढ़ती जाती थी | ( प्रेरित 9: 31)

 

परन्तु परमेश्वर का वचन बढ़ता और फैलता गया । ( प्रेरित 12:24 )  

 

तब प्रभु का वचन उस सारे देश में फैलने लगा।परन्तु यहूदियों ने भक्त और कुलीन स्त्रियों को और नगर के बड़े लोगों को उकसाया, और पौलुस और बरनबास पर उपद्रव करवाकर उन्हें अपने सिवानों से निकाल दिया। तब वे उन के साम्हने अपने पांवों की धूल झाड़कर इकुनियुम को गए। और चेले आनन्द से और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होते रहे |प्रेरित13: 49-52 )      

 

और वे उस नगर के लोगों को सुसमाचार सुनाकर, और बहुत से चेले बनाकर, लुस्त्रा और इकुनियम और अन्ताकिया को लौट आए।और चेलों के मन को स्थिर करते रहे और यह उपदेश देते थे, कि हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना होगा। ( प्रेरित 14: 21-22 )

 

उन में से कितनों ने, और भक्त यूनानियों में से बहुतेरों ने और बहुत सी कुलीन स्त्रियों ने मान लिया, और पौलुस और सीलास के साथ मिल गए। । सो उन में से बहुतों ने, और यूनानी कुलीन स्त्रियों में से, और पुरूषों में से बहुतेरों ने विश्वास किया … ( प्रेरित 17: 4, 12 )

 

 तब आराधनालय के सरदार क्रिस्पुस ने अपने सारे घराने समेत प्रभु पर विश्वास किया; और बहुत से कुरिन्थी सुनकर विश्वास लाए और बपतिस्मा लिया।और प्रभु ने रात को दर्शन के द्वारा पौलुस से कहा, मत डर, वरन कहे जा, और चुप मत रह।क्योंकि मैं तेरे साथ हूं: और कोई तुझ पर चढ़ाई करके तेरी हानि न करेगा; क्योंकि इस नगर में मेरे बहुत से लोग हैं.. ( प्रेरित 18: 8-10 ए )


दो वर्ष तक यही होता रहा, यहां तक कि आसिया के रहने वाले क्या यहूदी, क्या यूनानी सब ने प्रभु का वचन सुन लिया। ( प्रेरित19:10 )

इन आधुनिक आंदोलनों में हम उसी तरह की गतिशीलता देखते हैं जो परमेश्वर ने शुरुआती कलीसिया में की थी  इस पोस्ट के भाग दो में इन गतिशीलता और सीपीएम की विशेषताओं का वर्णन किया जाएगा

स्टेन पार्क पीएच.डी. 24:14 गठबंधन (सुविधा टीम), बियॉन्ड (वीपी ग्लोबल स्ट्रैटेजीज़), और एथने (लीडरशिप टीम) में कार्य करता है । वह विश्व स्तर पर विभिन्न सीपीएम के लिए एक प्रशिक्षक और कोच हैं और 1994 से अगम्य लोगों के बीच रह रहे हैं और सेवा कर रहे हैं ।

यह सामग्री 24:14 – ए टेस्टिमनी टू ऑल पीपल्स, 24:14 या अमेज़न से उपलब्ध पुस्तक के पृष्ठ 35-38 से ली गई है; मिशन फ्रंटियर्स, www.missionfrontiers.org के जुलाई-अगस्त 2019 अंक से पुनर्मुद्रित ।

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